ब्लैकआउट के लिए तैयार लखनऊ: आपात स्थिति में बिजली विभाग की पूरी है तैयारी

राजधानी लखनऊ अब किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हो रही है — खासकर बिजली आपूर्ति प्रबंधन के स्तर पर। प्रदेश की राजधानी में बिजली विभाग ने एक अत्यंत संवेदनशील और रणनीतिक योजना को अमल में लाना शुरू कर दिया है, जिसके तहत केवल दो मिनट में पूरे शहर में ब्लैकआउट किया जा सकेगा। यह पहल उस तैयारी का हिस्सा है, जो युद्ध जैसी आपातकालीन स्थितियों से नागरिकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
33 केवी पावर हाउस से त्वरित बिजली कटौती
आपात स्थिति में 132 केवी या 220 केवी ग्रिड को बंद करना समय लेने वाला होता है, क्योंकि इसके लिए स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से अनुमति लेनी पड़ती है। ऐसे में विभाग ने निर्णय लिया है कि 33 केवी पावर हाउस को ब्लैकआउट की फ्रंटलाइन कमान सौंपी जाएगी। आदेश मिलते ही एक मिनट के भीतर ऑपरेटर 33 केवी पैनल से सप्लाई ठप कर देंगे।
वॉट्सऐप आधारित सर्किल वाइज SOP प्रणाली
बिजली वितरण विभाग ने इस योजना को बेहद सुनियोजित ढंग से लागू करने के लिए सर्किल वाइज वॉट्सऐप ग्रुप बनाए हैं। इन ग्रुप्स में संबंधित सर्किल के अधीक्षण अभियंता एक निर्देश देंगे, और उस पर उपकेंद्र ऑपरेटर 60 सेकंड के भीतर क्रियान्वयन करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) के तहत होगी, जिससे किसी भी प्रकार की देरी या भ्रम की गुंजाइश नहीं रहेगी।
जनता की भागीदारी भी अनिवार्य
प्रबंधन ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल तंत्र की तत्परता पर्याप्त नहीं है, जब तक आम नागरिक इसमें सहयोग न करें। विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि यदि ब्लैकआउट सायरन बजता है तो वे स्वयं अपने घरों, दुकानों और प्रतिष्ठानों की बिजली बंद कर दें। इससे एक तरफ जहां उपकेंद्र से बिजली कटौती का दबाव कम होगा, वहीं ब्लैकआउट प्रक्रिया अधिक सुचारु और सुरक्षित हो सकेगी।
जनरेटर और इनवर्टर को न रखें ऑटो मोड पर
एक अन्य महत्वपूर्ण चेतावनी में विभाग ने कहा है कि उपभोक्ता अपने जनरेटर और इनवर्टर को ऑटो मोड पर न रखें। आपात स्थिति में यदि ये उपकरण स्वतः चालू हो जाते हैं, तो वे सुरक्षा व्यवस्था में बाधा डाल सकते हैं — खासकर तब, जब सुरक्षाबलों द्वारा कोई संवेदनशील ऑपरेशन चल रहा हो।
What's Your Reaction?






