भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम पर बॉलीवुड की प्रतिक्रिया — “अब भारत में फिर से किसी मासूम का खून ना बेहने पाए”
सीज़फायर नहीं, संकल्प है — अब भारत में किसी और का खून नहीं बहेगा

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद अब एक नई शुरुआत की उम्मीद जगी है। 10 मई को दोपहर बाद, पाकिस्तान ने भारतीय डीजीएमओ को कॉल कर भारत से मिन्नतें की कि दोनों देश जमीनी, समुद्री और हवाई सभी सैन्य गतिविधियों को रोक दें। शाम 5 बजे से यह संघर्षविराम लागू हो गया।
इस ऐतिहासिक फैसले पर न केवल राजनैतिक गलियारों में चर्चा हुई, बल्कि बॉलीवुड की हस्तियों ने भी अपनी राय खुलकर रखी। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिसमें साफ संदेश था—शांति का स्वागत है, पर आतंकी हमले अब बर्दाश्त नहीं होंगे।
रवीना टंडन का तीखा मगर संतुलित संदेश
अभिनेत्री रवीना टंडन ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा पोस्ट साझा किया:
“अगर यह सच है, तो स्वागत है इस निर्णय का। पर ध्यान रहे, जिस दिन भारत फिर से लहूलुहान हुआ, वह युद्ध का दिन होगा। IMF को भी देखना चाहिए कि उसका पैसा कहाँ जा रहा है। भारत अब फिर से न बहने पाए।”
उन्होंने आगे लिखा:
“#mycountrymylife #bharatforever — यह संघर्षविराम हमें यह समझा गया कि हमारे सच्चे दोस्त कौन हैं। आतंकवाद के खिलाफ अब दुनिया को तेज़ी से कदम उठाने होंगे।”
करीना कपूर और करण जौहर की भावनात्मक प्रतिक्रिया
करीना कपूर ने सरल और सशक्त शब्दों में अपनी भावना व्यक्त की—“रब रख्या” और “जय हिंद”, जो एक आम भारतीय की भावना को दर्शाता है। करण जौहर ने भी “प्रार्थना” और “संतुलन” दर्शाते हुए इमोजी के ज़रिए समर्थन जताया।
अनन्या पांडे और वरुण धवन जैसे युवा सितारों ने भी अपने सोशल मीडिया पर इस कदम को सराहा और देश के साथ खड़े रहने का संकेत दिया।
शेखर कपूर का आशावादी दृष्टिकोण
फिल्म निर्माता शेखर कपूर ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“सीज़फायर घोषित हुआ, उम्मीद है अब जो लोग भारत के खिलाफ आतंक को समर्थन देते हैं, उन्हें समझ आ जाएगा कि हमारी नेतृत्व क्षमता अब सख्ती से जवाब देगी। अब भारत अपने विकास के रास्ते पर तेज़ी से बढ़ सकेगा।”
युद्ध की पृष्ठभूमि—‘ऑपरेशन सिंदूर’
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई। इस दुखद घटना के बाद भारतीय सेना ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया—एक लक्षित कार्रवाई, जिसका उद्देश्य आतंकवादी ढांचे को जड़ से उखाड़ फेंकना था।
नया अध्याय, पुरानी सीख
भारत-पाकिस्तान के बीच यह संघर्षविराम भले ही एक नया अध्याय हो, पर इतिहास सिखाता है कि सतर्कता और सुरक्षा को कभी शिथिल नहीं किया जा सकता। बॉलीवुड की आवाज़, जनता की भावनाओं का प्रतिबिंब है—शांति की आशा है, पर आतंक के खिलाफ कोई सहानुभूति नहीं।
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