भारत-यूके फ्री ट्रेड समझौता संपन्न, पीएम मोदी ने बताया ‘ऐतिहासिक साझेदारी’

May 6, 2025 - 19:23
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भारत-यूके फ्री ट्रेड समझौता संपन्न, पीएम मोदी ने बताया ‘ऐतिहासिक साझेदारी’
भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) को अंततः ऐतिहासिक सफलता मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के बीच मंगलवार को हुई बातचीत के बाद इस समझौते की औपचारिक घोषणा की गई। इस समझौते को दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने वाला “ऐतिहासिक मील का पत्थर” करार दिया गया है।
पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “मेरे मित्र प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से बात करके प्रसन्नता हुई। एक ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल करते हुए भारत और ब्रिटेन ने एक महत्वाकांक्षी और पारस्परिक लाभकारी मुक्त व्यापार समझौते के साथ-साथ डबल करार सहयोग समझौते को सफलतापूर्वक अंतिम रूप दिया है। ये ऐतिहासिक समझौते हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेंगे तथा व्यापार, निवेश, रोजगार सृजन और नवाचार को गति देंगे।”
तीन वर्षों के लंबे इंतज़ार का अंत
यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब इसकी नींव तीन वर्ष पहले प्रधानमंत्री मोदी और तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने अक्टूबर 2022 तक समझौते को अंतिम रूप देने के लक्ष्य के साथ रखी थी। लेकिन इसके बाद ब्रिटेन की राजनीतिक अस्थिरता, साथ ही शराब और ऑटोमोबाइल पर टैरिफ जैसे विषयों पर मतभेदों के चलते वार्ताएं कई बार ठप हो गईं। फरवरी 2025 में वार्ताएं फिर से शुरू की गईं, जिसके बाद यह सफलता मिली।
दोनों देशों के लिए अवसरों का नया दौर
दोनों नेताओं ने इस समझौते को “दो बड़ी और खुली बाजार अर्थव्यवस्थाओं” के बीच एक नया अध्याय बताया, जो व्यापार और निवेश को प्रोत्साहित करेगा, रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा, और दोनों देशों के नागरिकों के बीच संबंधों को और गहरा बनाएगा।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने कहा कि यह समझौता यूके के “Plan for Change” का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापारिक सहयोग बढ़ाना और यूके को एक सशक्त तथा सुरक्षित अर्थव्यवस्था बनाना है।
व्यापार आंकड़े क्या कहते हैं?
ब्रिटेन सरकार के नवीनतम व्यापार आंकड़ों के अनुसार, भारत वर्ष 2024 की चौथी तिमाही तक यूके का 11वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार रहा। दोनों देशों के बीच कुल वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार £42.6 बिलियन तक पहुंच गया, जो 2023 की तुलना में 8.3% की वृद्धि है।
भारत की यूके को निर्यात राशि £25.5 बिलियन रही (10.1% वृद्धि)।
यूके से भारत को निर्यात £17.1 बिलियन रहा (5.8% वृद्धि)।
इस ऐतिहासिक समझौते को अंतिम रूप देने में भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की ब्रिटेन यात्रा और वहां ब्रिटिश ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स से हुई मुलाकातों ने निर्णायक भूमिका निभाई। पिछले सप्ताह हुई लगातार दो बैठकों में अंतिम रुकावटों को दूर किया गया।
भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दो लोकतांत्रिक और वैश्विक रूप से प्रभावशाली राष्ट्रों के बीच विश्वास, सहयोग और साझा विकास के नए युग की शुरुआत भी करता है। यह समझौता ऐसे समय आया है जब वैश्विक आर्थिक अस्थिरता के बीच देशों को आपसी सहयोग और लचीलापन दिखाने की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री स्टारमर की भारत यात्रा की संभावना जताई गई है, जो इस रणनीतिक साझेदारी को और अधिक सुदृढ़ करने में सहायक होगी।

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Satish Mehta Delhi, Bengluru, Mumbai & now Lucknow Started my journalism in 2008 ex @toi, @indiatoday, @bs, @bu, @db and now serving NDVToday