स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम : आरटीई के तहत बच्चों को स्कूल में प्रवेश न देने पर अब होगी सख्त कार्रवाई

May 10, 2025 - 15:42
May 10, 2025 - 15:46
 0
स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम : आरटीई के तहत बच्चों को स्कूल में प्रवेश न देने पर अब होगी सख्त कार्रवाई

शिक्षा सबका अधिकार है — यह केवल नारा नहीं, बल्कि संवैधानिक दायित्व है। इसी भावना को साकार करने के लिए आरटीई (शिक्षा का अधिकार) अधिनियम के तहत वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को निजी स्कूलों में निःशुल्क शिक्षा दिलाने की व्यवस्था की गई है। लेकिन दुर्भाग्यवश, अभी भी कुछ स्कूल प्रबंधन इस जिम्मेदारी को बोझ समझकर टालने की कोशिश कर रहे हैं।

शुक्रवार को लखनऊ में आयोजित शैक्षिक सत्र 2025-26 की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी विशाख जी ने स्पष्ट कर दिया कि अब इस तरह की टालमटोल किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी स्कूलों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि कोई भी स्कूल आरटीई के तहत आवंटित बच्चों को दाखिला देने से इनकार नहीं कर सकता।

31 स्कूल गैरहाजिर, अब होगी कानूनी कार्रवाई

बैठक में बुलाए गए 55 स्कूलों में से 31 स्कूल प्रबंधन अनुपस्थित रहे, जिसे प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि जो स्कूल बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे और बैठक से भी नदारद रहे, उन पर अब कड़ी कार्यवाही होगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे सभी स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और स्पष्ट जवाब मांगा जाए कि उन्होंने अब तक कितने बच्चों को दाखिला दिया और वे बैठक में क्यों नहीं आए।

18093 बच्चों को मिला स्कूल आवंटन, लेकिन अब भी लंबा सफर बाकी

बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार अब तक आरटीई के अंतर्गत चार चरणों की लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से 18093 बच्चों को विभिन्न निजी स्कूलों में आवंटित किया जा चुका है। इनमें से 11335 बच्चों का दाखिला हो चुका है, जबकि 3131 बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया जारी है। यह संतोषजनक है, लेकिन इस दिशा में और तेज़ी की ज़रूरत है, विशेषकर तब जब 3627 अभिभावकों ने अब तक रुचि नहीं दिखाई है।

प्रशासन का अगला कदम इन अभिभावकों से संपर्क कर उन्हें योजना की जानकारी देने और विश्वास दिलाने का होना चाहिए ताकि बच्चों का भविष्य किसी अनजान डर या जानकारी की कमी के कारण अधर में न रह जाए।

DM के निर्देश: बिना जांच सीधे दें प्रवेश

जिलाधिकारी विशाख जी ने बैठक में दो टूक कहा कि कोई भी स्कूल किसी भी बच्चे या उसके अभिभावक की अपनी तरफ से कोई जांच या छानबीन नहीं करेगा। सभी स्कूलों को आवंटन सूची के अनुसार ही बच्चों को सीधे दाखिला देना होगा। यह निर्देश स्पष्ट करता है कि अब स्कूलों को चयनकर्ता की नहीं, कार्यान्वयनकर्ता की भूमिका निभानी है।

मैदानी स्तर पर होगी निगरानी, दोषियों पर व्यक्तिगत नोटिस

जिन स्कूलों में अब तक एक भी प्रवेश नहीं हुआ है, वहां की स्थिति का निरीक्षण अब अपर नगर मजिस्ट्रेट और खंड शिक्षा अधिकारी स्वयं जाकर करेंगे। प्रशासन ने साफ किया है कि जिन स्कूलों ने अब तक शून्य प्रवेश दिखाया है, उनके प्रधानाचार्यों को व्यक्तिगत रूप से नोटिस भेजे जाएंगे और आवश्यकतानुसार कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow