अब गैरहाजिरी पर तुरंत मिलेगा अभिभावकों को अलर्ट: यूपी बोर्ड 1 जुलाई से शुरू करेगा छात्रों की रियल-टाइम उपस्थिति निगरानी

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) अब छात्रों की उपस्थिति पर सख्त नजर रखने की तैयारी में है। बोर्ड 1 जुलाई 2025 से राज्य के 27,000 से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले एक करोड़ से अधिक छात्रों और लगभग पांच लाख शिक्षकों की उपस्थिति को रियल-टाइम में ऑनलाइन ट्रैक करेगा।
इस डिजिटल पहल का उद्देश्य स्कूलों में अनुशासन बढ़ाना, गैरहाजिरी पर लगाम लगाना और अभिभावकों की भागीदारी को बढ़ावा देना है। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इसके लिए एक निजी टेक्नोलॉजी कंपनी द्वारा पिछले एक साल में एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, जो बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से संचालित होगा।
कैसे काम करेगा यह सिस्टम
नई प्रणाली के तहत कक्षा शिक्षक छात्रों की उपस्थिति पहले की तरह मैन्युअली दर्ज करेंगे, जिसके बाद रजिस्टर को प्रधानाचार्य के कार्यालय भेजा जाएगा। वहां से एक कंप्यूटर ऑपरेटर स्कूल के लॉगिन आईडी के माध्यम से उपस्थिति डेटा ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करेगा।
बोर्ड ने निर्देश दिया है कि सभी स्कूलों को हर कार्यदिवस सुबह 11 बजे तक उपस्थिति डेटा अपलोड करना अनिवार्य होगा। इससे बोर्ड को स्कूल और जिला स्तर पर उपस्थिति की वास्तविक समय में निगरानी की सुविधा मिलेगी।
अभिभावकों को तुरंत मिलेगा SMS अलर्ट
बोर्ड इस सॉफ्टवेयर में SMS अलर्ट सुविधा भी जोड़ रहा है। यदि कोई छात्र अनुपस्थित रहता है, तो उसके अभिभावकों को तुरंत मोबाइल पर सूचना भेजी जाएगी, जिससे वे अपने बच्चे की पढ़ाई पर नजर रख सकें। अधिकारी मानते हैं कि इससे ड्रॉपआउट दर में कमी आएगी और छात्रों की नियमितता बेहतर होगी।
शिक्षकों की उपस्थिति भी ऑनलाइन
भगवती सिंह ने बताया कि अभी तक 2,500 से अधिक सरकारी माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली पहले ही लागू की जा चुकी है। अब इसी डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से छात्रों की उपस्थिति भी उसी स्तर पर ट्रैक की जाएगी।
किस स्कूलों को कवर करेगा ये सिस्टम?
यह व्यवस्था 4,500 से अधिक सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और 20,000 से अधिक निजी अनुदानविहीन स्कूलों पर लागू होगी, जो यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं।
देश में केवल चुनिंदा राज्यों में मौजूद है ऐसी प्रणाली
फिलहाल, तमिलनाडु राज्य शिक्षा बोर्ड देश के उन गिने-चुने बोर्डों में शामिल है, जहां छात्रों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली पहले से चालू है। यूपी बोर्ड इस दिशा में कदम बढ़ाकर एक नई मिसाल कायम करने जा रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
इस डिजिटल पहल से भविष्य में छात्रों के नामांकन, स्कूल की मान्यता, शिक्षकों की उपलब्धता और छात्र-शिक्षक अनुपात जैसी जानकारियों को भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा।
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