नए कलाकारों की चमक को चाहिए मंच: पंकज त्रिपाठी बोले - “प्रतिभा है, पर प्रचार की कमी है

बॉलीवुड इन दिनों बॉक्स ऑफिस पर कठिन दौर से गुजर रहा है। बड़े सितारों और भारी बजट वाली फिल्मों के बावजूद सिनेमाघरों में सन्नाटा है। ऐसे में अभिनेता पंकज त्रिपाठी ने अपनी बेबाक राय रखते हुए कहा कि इस समस्या का हल कोई बड़ा रहस्य नहीं, बल्कि “जड़ से जुड़ी कहानियों” में ही है।
पंकज त्रिपाठी, जो हाल ही में स्त्री 2 में नजर आए थे और अपनी अगली वेब सीरीज़ की तैयारी में जुटे हैं, मानते हैं कि भारतीय संस्कृति और जमीन से जुड़ी कहानियां दर्शकों से ज्यादा जुड़ाव बनाती हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, “मिमी (2021) की कहानी रोचक थी, लेकिन उसका जो लोकल बैकड्रॉप था, उसने दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ा। यही आज की ज़रूरत है।”
आज के ओटीटी युग में नई प्रतिभाओं को अधिक मौके मिल रहे हैं, यह बात पंकज भी स्वीकार करते हैं। उनके अनुसार, “जब हम इंडस्ट्री में आए थे, तब ओटीटी जैसा कोई प्लेटफॉर्म नहीं था। मुझे अपनी पहचान बनाने में 18 साल लगे। आज हर वेब शो और फिल्म में नए चेहरे दिखते हैं, और अच्छा काम भी कर रहे हैं।”
हालांकि, पंकज त्रिपाठी इस बदलाव में एक अहम खामी की ओर इशारा करते हैं—पब्लिक रिलेशन (PR) की कमी। वह कहते हैं, “Laapataa Ladies (2023) के कलाकारों जैसे नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा और स्पर्श श्रीवास्तव बहुत उम्दा कलाकार हैं। मगर उनके पास वो PR मशीनरी नहीं है, जो उनके अच्छे काम को दर्शकों तक पहुँचा सके। उन्हें अखबारों, वेबसाइट्स में कवरेज नहीं मिल पाता, क्योंकि उनके पास मीडिया तक पहुँच नहीं है।”
पंकज ने आगे जोड़ा, “हम अब कुछ अनुभवी हो गए हैं, इसलिए पत्रकारों से संपर्क है। लेकिन नए कलाकारों के पास यह नहीं होता। उन्हें बस मीडिया में थोड़ा स्थान चाहिए, और वे अपने आप लोगों तक पहुँच जाएंगे।”
What's Your Reaction?






