उन्होंने धर्म पूछा, हमने कर्म देखा: ऑपरेशन सिंदूर से भारत का सर्जिकल न्याय
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को चेताया, सेना के साहस को सलाम

“उन्होंने धर्म पूछा, हमने कर्म देखा।” — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का यह बयान सिर्फ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के निर्णायक और नैतिक रुख की गूंज है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंक के अड्डों को जिस तरह नेस्तनाबूद किया, वह आज़ाद भारत की सैन्य क्षमता और नैतिक प्रतिबद्धता का जीवंत प्रमाण है।
आतंक का जवाब: धर्म नहीं, कर्म देखा गया
जहां पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने लोगों की जान लेने से पहले उनका धर्म पूछा, वहीं भारतीय सेना ने जवाब उनके कर्म देख कर दिया। यह फर्क ही भारत और पाकिस्तान की सोच का अंतर दर्शाता है — एक ओर नफरत और उन्माद, दूसरी ओर न्याय और सिद्धांत।
राजनाथ सिंह का यह कहना कि “हमने उनका कर्म देखा और उन्हें खत्म किया, यही हमारा भारतीय धर्म है,” सिर्फ एक बयान नहीं बल्कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति का स्पष्ट संकेत है। यह एक संदेश है — भारत अब शब्दों में नहीं, कर्म में जवाब देता है।
ऑपरेशन सिंदूर: सटीकता और संकल्प का परिचायक
भारतीय सेना द्वारा चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों को मौत के घाट उतारा गया, न केवल सैन्य रणनीति की उत्कृष्टता का उदाहरण है, बल्कि यह भी बताता है कि भारत अब अपने नागरिकों की रक्षा के लिए सीमा पार जाकर भी जवाब देने में नहीं हिचकिचाता। पाकिस्तान की ओर से हो रहे हमलों के बावजूद भारतीय सेना ने अधिकतर हमलों को नाकाम किया। हालांकि इसमें पांच जांबाज़ सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन उनके बलिदान से राष्ट्र ने एक बार फिर आतंक को साफ संदेश दे दिया।
परमाणु ब्लैकमेल का अंत
पाकिस्तान की परमाणु धमकियों पर रक्षा मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) से अपील की कि वह पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की निगरानी करे। उनका सवाल कि “क्या परमाणु हथियार ऐसे गैरजिम्मेदार देश के पास सुरक्षित हैं?” वैश्विक सुरक्षा जगत के लिए एक चिंताजनक विषय है।
आतंक के खिलाफ निर्णायक मोड़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह बात कि “आतंक और वार्ता साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार साथ नहीं चल सकते, और खून और पानी साथ नहीं बह सकते,” अब नारे से ज़्यादा, नीति बन चुकी है। भारत ने पाकिस्तान की परमाणु धमकियों को नजरअंदाज करते हुए निर्णायक कार्रवाई की और पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया — अब अगर आतंकी भेजोगे, तो जवाब सीमाओं के भीतर नहीं रुकेगा।
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