आज 16 मई 2025 का पंचांग
धन-वैभव और संकट से मुक्ति का दिव्य संयोग: एकदंत संकष्टी चतुर्थी और शुक्रवार व्रत का महासंयोग

आज का दिन आध्यात्मिक ऊर्जा और शुभ संयोगों से भरा है। ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर आज एकदंत संकष्टी चतुर्थी और शुक्रवार व्रत एक साथ पड़ रहे हैं। इस विशेष दिन पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का उत्तम अवसर है। ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति भी इस दिन को और अधिक प्रभावशाली बना रही है—मूल नक्षत्र, सिद्ध योग और धनु राशि में चंद्रमा की स्थिति से यह दिन अत्यंत शुभ और फलदायक बन गया है।
संकट हरण करेंगे गणपति बप्पा
एकदंत संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन व्रत रखकर विधिपूर्वक गणेश पूजन करने से समस्त कष्ट दूर होते हैं, विघ्न मिटते हैं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। भक्तों को इस दिन दूर्वा, अक्षत, मोदक, चंदन, सिंदूर, फूल और नैवेद्य अर्पित करके गणेश चालीसा और संकष्टी व्रत कथा का श्रवण करना चाहिए। रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण करने से व्रत पूर्ण होता है और भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
लक्ष्मी पूजा से आएगा सौभाग्य और समृद्धि
आज शुक्रवार का दिन भी है, जो माता लक्ष्मी को समर्पित है। शुक्रवार के व्रत में माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और धन-वैभव का आगमन होता है। लाल या गुलाबी वस्त्रों में सजी माता लक्ष्मी को कमल, गुलाब, धूप, दीप, कमलगट्टा और पीली कौड़ी अर्पित करें। श्रीसूक्त, लक्ष्मी स्तोत्र और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। व्रत कथा के श्रवण से मन शुद्ध होता है और आस्था बलवती होती है।
शुक्र दोष निवारण के सरल उपाय
यदि आपकी कुंडली में शुक्र दोष है, तो आज का दिन उसे दूर करने के लिए बेहद प्रभावशाली है। शुक्र से संबंधित वस्तुएं जैसे सफेद वस्त्र, चांदी, बताशे, खीर, चीनी, दूध और इत्र का दान करने से लाभ होता है। सफेद रंग का अधिक उपयोग और साफ-सुथरे वस्त्र पहनने से भी शुक्र का प्रभाव सकारात्मक होता है।
आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त
• सूर्योदय: 5:32 AM
• सूर्यास्त: 6:47 PM
• चंद्रोदय: 10:05 PM
• राहुकाल: प्रातः 10:36 से दोपहर 12:18 तक
• दिशाशूल: पश्चिम दिशा
• शुभ चौघड़िया: प्रातः 7:00 से 9:00, शाम 4:00 से 6:00 तक
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