रोक के बावजूद मजार पर लगा हुजूम: बहराइच में मजार पर लगा मेला
सैयद सालार शाह गाजी की मजार पर हर वर्ष लगने वाला पारंपरिक मेला इस बार प्रशासनिक अनुमति के बिना ही सज गया। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था का हवाला देकर मेले की इजाजत नहीं दी, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था के सामने यह रोक टिक नहीं सकी।
मजार के केयरटेकर का कहना है, “प्रशासन ने मेला रोकने की कोशिश की, लेकिन लोग लगातार आ रहे हैं। मेला चल रहा है और जायरीनों के लिए पूरी व्यवस्था की गई है।” मजार पर हर साल दूर-दराज़ से लोग पहुंचते हैं यूपी, बिहार, और यहाँ तक कि नेपाल की सीमा पार से भी। मान्यता है कि इस दरगाह पर हाजिरी लगाने से शारीरिक और मानसिक बीमारियां ठीक हो जाती हैं।
एक तरफ जहा इतिहासकार गाजी को आक्रांता मानते है तो वही एक वर्ग ऐसा भी है जिनके लिए गाजी आक्रांता नहीं बल्कि "रहमतुल्ला अलैह" हैं — यानी रहमत की मिसाल और शांति का प्रतीक। यहाँ केवल दवा नहीं, दुआ से भी इलाज होता है। मजार परिसर में प्रेत बाधा, ऊपरी हवा जैसी समस्याओं से मुक्ति पाने का दावा किया जाता है।
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