ऊर्जा क्रांति की ओर उत्तर प्रदेश: 44,634 करोड़ की परियोजनाओं से बदलेगा भविष्य

उत्तर प्रदेश अब केवल जनसंख्या में नहीं, बिजली आपूर्ति में भी देश का सिरमौर बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कानपुर से 44,634 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 8 बड़ी ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास इसी दिशा में ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
इन ऊर्जा परियोजनाओं से उत्पादित तीन चौथाई बिजली यूपी को प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश बिजली आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से अग्रसर होगा।
यूपी की ऊर्जा तस्वीर बदली: अब महाराष्ट्र-गुजरात से भी आगे
ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने लगातार तीसरे वर्ष देश में सर्वाधिक बिजली आपूर्ति करने वाला राज्य बनने का कीर्तिमान कायम किया है।
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28 मई 2025 को यूपी ने 28,508 मेगावाट की रिकॉर्ड पीक डिमांड पूरी की।
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यह आंकड़ा महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे राज्यों से कई गुना अधिक है।
तारीख | उत्तर प्रदेश | महाराष्ट्र | गुजरात | राजस्थान | तमिलनाडु |
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28 मई | 28,508 MW | 23,773 MW | 22,934 MW | 17,220 MW | 16,047 MW |
27 मई | 28,691 MW | 23,608 MW | 22,307 MW | 16,668 MW | 16,290 MW |
26 मई | 27,356 MW | 23,137 MW | 23,791 MW | 16,046 MW | 15,382 MW |
आठ मेगाप्रोजेक्ट्स: उत्तर प्रदेश को मिलेगा बिजली का संबल
प्रधानमंत्री द्वारा जिन आठ प्रमुख ऊर्जा परियोजनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास किया गया, वे निम्नलिखित हैं:
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पनकी तापीय परियोजना – ₹8,300 करोड़, 660 MW
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जवाहर तापीय परियोजना – ₹14,628 करोड़, 2×660 MW
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ओबरा-सी परियोजना – ₹6,502 करोड़, 2×660 MW
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खुर्जा तापीय परियोजना – ₹5,544 करोड़, 2×660 MW
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घाटमपुर तापीय परियोजना (यूनिट-1) – ₹9,338 करोड़, 660 MW
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ग्रेटर नोएडा में 132 केवी उपकेंद्र (2) – ₹322 करोड़
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220 केवी उपकेंद्र, गौतमबुद्ध नगर – शिलान्यास
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पीएम सूर्य घर योजना के तहत चेक वितरण एवं बिनगवां ट्रीटमेंट प्लांट – जनकल्याण के प्रतीक
विद्युत कर्मियों का योगदान: हर बूंद पसीना बना वाट्स में ऊर्जा
ऊर्जा मंत्री ने इस ऐतिहासिक सफलता का श्रेय उन विद्युत कर्मियों को दिया जिन्होंने दिन-रात बिना रुके प्रदेश को रौशन रखने का संकल्प निभाया। उन्होंने कहा:
"यूपी की बिजली क्रांति 3.60 करोड़ उपभोक्ताओं की जिंदगी को बेहतर बना रही है। यह केवल बिजली नहीं, विकास की रफ्तार है।"
बदलता बुनियादी ढांचा: अब लो वोल्टेज नहीं, हाई ग्रोथ है लक्ष्य
प्रदेश में विगत वर्षों में:
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ट्रांसफॉर्मर की जलने की घटनाएं ऐतिहासिक रूप से घटी हैं।
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लो वोल्टेज और बार-बार की ट्रिपिंग अब बीते दिनों की बात है।
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लाइन नेटवर्क और पोल स्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है।
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