दिव्यांगजनों की आवाज़ बना IGRS, योगी सरकार ने रिकॉर्ड समय में सुलझाईं 2,660 शिकायतें

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिव्यांगजनों की समस्याओं के त्वरित समाधान के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की है। जहां पहले शिकायतें महीनों तक अनसुनी रह जाती थीं, वहीं अब रिकॉर्ड समय में समाधान हो रहा है।
राज्य सरकार की समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) दिव्यांग नागरिकों के लिए एक सशक्त मंच के रूप में सामने आई है, जिसके जरिए वे अब घर बैठे अपनी शिकायतें दर्ज कर पा रहे हैं — और उन्हें समयबद्ध न्याय भी मिल रहा है।
2,699 में से 2,660 शिकायतों का निस्तारण: संवेदनशील प्रशासन का प्रतीक
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अनुसार, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, PG पोर्टल, ऑनलाइन माध्यम और व्यक्तिगत संदर्भों से कुल 2,699 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 2,660 मामलों का सफल निस्तारण हो चुका है। केवल 39 शिकायतें ही लंबित हैं और सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि कोई भी मामला "डिफॉल्टर" श्रेणी में नहीं है।
हर मंच पर तत्परता से हुआ समाधान:
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मुख्यमंत्री संदर्भ: 212 में से 206 का निस्तारण
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पीजी पोर्टल: 404 में से 394 मामलों का समाधान
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ऑनलाइन शिकायतें: 233 में से 229 निपटीं
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सीएम हेल्पलाइन: 1850 में से 1831 मामलों को निपटाया गया
ये आंकड़े साबित करते हैं कि राज्य प्रशासन की कार्यप्रणाली पारदर्शी, जवाबदेह और जन-संवेदनशील है।
IGRS: तकनीक और करुणा का अद्भुत संगम
IGRS प्रणाली अब केवल एक शिकायत पोर्टल नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों की उम्मीदों का मंच बन गई है। यह तकनीक और मानवीय संवेदनशीलता का ऐसा समन्वय है जो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ जैसे मूल मंत्र को धरातल पर उतारता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश हैं कि दिव्यांगजनों की शिकायतों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। यही कारण है कि न सिर्फ संख्या के हिसाब से, बल्कि गुणवत्ता और मानवीय दृष्टिकोण से भी समाधान हुआ है।
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