शैलेन्द्र मौर्य हत्याकांड में करणी सेना की एंट्री, स्वामी प्रसाद ने योगी पर साधा निशाना
बाराबंकी के सूरतगंज क्षेत्र में बीज विक्रेता पर देशी बम से हमला कर उसकी निर्मम हत्या कर दी गई, जिसके बाद अब इस मामले में सियासी तापमान चढ़ता हुआ दिख रहा है, इस घटना में बाराबंकी की मोहमदपुर खाला पुलिस की सुस्त कार्यशैली के चलते यह घटना घटित हुई क्योंकि इस मामले में पीड़ित ने पूर्व में ही अपनी हत्या की आशंका जताई थी लेकिन पुलिस ने इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की जिसके बाद परिवार सहित ग्रामीणों का गुस्सा बिफर पड़ा, पुलिस ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया और परिवारजनों को विश्वास दिलाया कि दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा, काफी मान मनौवल के बाद परिवारजनों ने मृतक शैलेन्द्र का अंतिम संस्कार किया।
लेकिन इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है, इस घटना के उपरांत बाराबंकी भाजपा जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्या ने भी भीड़ को समझाने बुझाने की कोशिश और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया मगर इस मामले ने अचानक से जातिगत रूप ले लिया, क्योंकि इस मामले में विपक्षी ठाकुर बिरादरी के रहे, जिसके चलते करणी सेना की इस मामले में एंट्री हो गई।
करणी सेना के अभिनव ने एक वीडियो वायरल करते हुए यहां तक कह डाला कि दोषियों को फांसी दी जाए मगर निर्दोषों पर आंच आई तो करणी सेना थाने का घेराव करेगी यही नहीं करणी सेना ने बीजेपी जिलाध्यक्ष अरविंद मौर्या को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि एक अध्यक्ष के कहने पर अगर किसी का भविष्य खराब हुआ तो इतने अध्यक्ष आयेंगे कि थाना भर जायेगा।
क्रमवार तरीके से यह मामला बढ़ता हुआ दिखाई पड़ रहा है क्योंकि पीड़ित परिवार से मिलने पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भी पहुंचे थे, मीडिया से बात करते हुए उन्होंने योगी आदित्यनाथ के प्रति विवादित बयान देकर इस घटनाक्रम के सियासी वर्चस्व को नया मोड़ दे दिया, स्वामी प्रसाद ने यहां तक कह दिया कि प्रदेश में 90% अपराध मुख्यमंत्री योगी के सजातीय लोग करते है, स्वामी प्रसाद ने पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा दिलाया मगर इसके बाद ग्राम के एक प्रधान ने पूर्व मंत्री को फोन कर जमकर खरी खोटी सुना डाली।
ग्राम प्रधान चंदन सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य से टेलिफोनिक वार्ता करते हुए उनपर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया और जमकर स्वामी प्रसाद मौर्य को खरी खोटी सुनाई, हालांकि स्वामी प्रसाद अपनी बातों पर अडिग रहे और अपने बयान को सही करार देते रहे, जिसको लेकर काफी तू तू मैं मैं होती रही।
हालांकि अब इस घटना ने एक बड़ा राजनीतिक रूप इख्तियार कर लिया है, स्थानीय पुलिस की लापरवाही के चलते एक युवक की निर्मम हत्या कर दी गई उसके बाद अब इस मामले पर सियासत जारी है जिसकी छीटें मौजूदा सरकार पर पड़ती हुई दिखाई पड़ रही है, हाल फिलहाल पुलिस के दावा है कि घटना में शामिल लोगों का फुटेज एवं वीडियो के आधार पर सत्यापन कर गिरफ्तार किया गया है मगर पुलिस पर आरोप दोनों तरफ से आ रहे है और सियासी तापमान भी चढ़ रहा है, देखने वाली बात यह होगी कि इस मामले को और राजनीतिक तूल दिया जाएगा या इस मामले का पटाक्षेप हो सकेगा...
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