बाराबंकी की जेल में सजा और सेहत एक साथ! ‘ओपन जिम’ बना बंदियों के लिए बदलाव की नई राह

उत्तर प्रदेश की जेलों में सुधार और बंदियों के पुनर्वास की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है। बाराबंकी जिला कारागार में आज ‘ओपन जिम’ का शुभारंभ हुआ, जो बंदियों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को संबल देने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। यह पहल राज्य सरकार के उस नवाचार का हिस्सा है, जिसके तहत जेलों को सिर्फ सजा का स्थान नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास का केंद्र भी बनाया जा रहा है।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी और पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने संयुक्त रूप से इस ओपन जिम का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कारागार अधीक्षक कुंदन कुमार, जेलर जेपी तिवारी सहित अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश सरकार में कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने पहले ही सभी जिलों की जेलों में ओपन जिम की स्थापना के निर्देश दिए थे। उन्नाव, मथुरा, बरेली, शाहजहांपुर, भदोही और मेरठ के बाद अब बाराबंकी जिला कारागार को भी यह सुविधा मिल गई है। यह जिम कारागार मुख्यालय के सौजन्य से स्थापित की गई है।
जिलाधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इस पहल को सराहनीय बताते हुए कहा, “यह ओपन जिम न केवल बंदियों को फिट रखने में मदद करेगा, बल्कि मानसिक तनाव को कम कर पुनर्वास की प्रक्रिया को भी सहज बनाएगा।”
जेल प्रशासन का मानना है कि इस प्रकार के नवाचार बंदियों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेंगे। नियमित व्यायाम से जहां एक ओर उनका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर होगा, वहीं मानसिक रूप से भी वे सशक्त बनेंगे। इससे उनके व्यवहार में भी सुधार आने की संभावना है।
कारागार अधीक्षक कुंदन कुमार ने बताया कि “ओपन जिम का उद्देश्य सिर्फ शारीरिक व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बंदियों के आत्म-संयम, अनुशासन और आत्मविश्वास को भी मजबूत करेगा।”
ओपन जिम की यह पहल न केवल प्रदेश की जेलों में एक नई संस्कृति को जन्म दे रही है, बल्कि यह संदेश भी दे रही है कि सजा के साथ सुधार और पुनर्वास भी जरूरी है। यह नवाचार आने वाले समय में जेलों की छवि को बदल सकता है, जहाँ सुधार की प्रक्रिया केवल शब्दों तक सीमित न रहकर व्यवहारिक रूप से जमीन पर दिखाई दे रही है।
What's Your Reaction?






