लखनऊ में अतिक्रमण और अवैध पार्किंग पर हाईकोर्ट सख्त, सरकार से दो हफ्ते में मांगा जवाब

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सेवा लेन (Service Lanes) पर हो रही अवैध पार्किंग और यातायात बाधाओं को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार से दो हफ्तों में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। यह निर्देश न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव-प्रथम और न्यायमूर्ति अत्ताउर रहमान मसूदी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका (PIL No. 566/2025) की सुनवाई के दौरान दिया।
जनहित याचिका प्रमोद कुमार रावत द्वारा दाखिल की गई थी, जिसमें लखनऊ में ट्रैफिक व्यवस्था की बदहाली और खासकर सेवा लेन में खड़ी गाड़ियों से होने वाली बाधाओं को रेखांकित किया गया। याचिका में यह मुद्दा उठाया गया कि वाहनों की अवैध पार्किंग से रोजाना यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
कोर्ट का निर्देश:
• कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को लखनऊ के ‘उप पुलिस आयुक्त (यातायात)’ को विपक्षी पक्षकार के रूप में याचिका में सम्मिलित करने की अनुमति दी।
• राज्य सरकार के वकील ने मामले की वर्तमान स्थिति पर स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
• यह याचिका PIL संख्या 12106/2017 के साथ जोड़ दी गई है, जो पहले से इसी मुद्दे से संबंधित लंबित है।
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