जापानी इंसेफेलाइटिस को पिछली सरकारों ने माना था नियति, योगी सरकार में संख्या न के बराबर: राजनाथ सिंह
जापानी इंसेफेलाइटिस को पिछली सरकारों ने माना था नियति, योगी सरकार में संख्या न के बराबर: राजनाथ सिंह

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद प्रथम बार राजधानी पहुंचे, इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत भी की, राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन के माध्यम से सेना के शौर्य का तो बखान किया ही, साथ, पाक की नापाक हरकतों को दो टूक जवाब भी दे डाला।
राजनाथ सिंह ने संस्मरण बताते हुए कहा कि मुझे याद है, 25 साल पहले, 12 May 2000 को, मैंने ही इस hospital का inauguration किया था,उस दिन मैं Dr. K.N. Singh से बहुत प्रभावित हुआ था, क्योंकि उनकी आँखों में मैंने एक सपना, एक Vision और एक purpose देखा था,आज जब 25 साल बाद, हम यहाँ खड़े हैं, तो मुझे यह देख कर खुशी हो रही है, कि उनका सपना एकreality बन चुका है। मुझे बताया गया कि आज उनकी पुण्यतिथि भी है। मैं इस अवसर पर, उनकी स्मृति को नमन करता हूँ, श्री सिंह ने कहा डॉ. सिंह US में एक accomplished doctor थे। वहाँ पर वह एक comfortable life जी रहे थे। लेकिन उन्होंने एक अलग रास्ता चुना, सेवा का रास्ता,सब कुछ छोड़ कर वो वापस भारत आए, सिर्फ एक ही उद्देश्य के लिए,अपने लोगों की सेवा करने के लिए। उन्होंने कहा भारत के लिए यह सबसे बड़े issues में से एक है, कि हमारा Indian talent, भारत से बाहर जाकर अपनी प्रतिभा दिखा रहा है। मगर Dr. Singh, US में Well settled होने के बावजूद, भारत में वापस आए, और ‘brain drain’ के नहीं, बल्कि ‘brain gain’ के example बने, Dr. Singh अक्सर लखनऊ के आसपास के गाँवों में भी जाते थे। वहाँ निःशुल्क camps लगाते थे और ज़रूरतमंदों तक अपनी सेवाएँ स्वयं पहुँचाते थे। यह सेवा-भावना उनके दिल से निकलती थी। यही उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी विशेषता भी थी।
रक्षा मंत्री ने कहा," दुनिया में कुछ लोग किसी विशेष उद्देश्य के साथ आते हैं। ऐसा लगता है, डॉ सिंह भी उन्हीं लोगों में से एक थे। उनका पूरा जीवन मानव सेवा के उद्देश्य से जुड़ा था। मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है, कि उनके जीवन मूल्यों को, यह अस्पताल चरितार्थ कर रहा है,यह अस्पताल पिछले 25 वर्षों से लगातार उनकी सेवा भावना को मूर्त रूप प्रदान कर रहा है। यह अस्पताल लखनऊ वासियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस अस्पताल ने, न जाने कितने लोगों की ज़िन्दगी बचाई होगी। न जाने कितने लोग यहाँ एडमिट होकर, स्वस्थ होकर बाहर गए होंगे, उन्होंने आगे कहा कि मैं मानता हूँ कि Dr. K.N. Singh Memorial Hospital का यह Silver jubilee समारोह, सिर्फ़ एक संस्थान की यात्रा का उत्सव नहीं है, बल्कि‘समर्पण, सेवा और संकल्प’ के 25 वर्षों की कहानी है, इन 25 वर्षों में इस हॉस्पिटल ने, न सिर्फ लोगों का इलाज किया हैं, बल्कि लोगों का भरोसा भी जीता है। अस्पताल ने न सिर्फ लोगों के रोग मिटाए हैं, बल्कि उनमें उम्मीदें भी जगाईं हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन बस सकता है, आप यदि स्वस्थ रहेंगे तभी आप, अपना, अपने परिवार का और इस राष्ट्र का विकास कर पाएंगे। लोग जितने स्वस्थ होंगे, देश की प्रगति के लिए वे उतनी ही ऊर्जा और सक्रियता के साथ कार्य कर सकने में सक्षम होंगे,‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ यानी सब सुखी हों, की कामना करने के बाद, हम सबसे पहले ‘सर्वे सन्तु निरामयाः’ यानी सब स्वस्थ हों, की कामना करते हैं। इसकी बड़ी वजह यह हैं कि सदियों से भारत के लोग यह मानते रहे हैं, कि स्वास्थ्य और ज्ञान से बड़ा कोई धन नहीं हैं, धीरे-धीरे हम उस‘Age Old Wisdom’ को भूलते जा रहे हैं, जिसके बारे में हम सब के शिक्षको ने हमें स्कूल में अवश्य बताया होगा। वह Age Old Wisdom था, कि “जब धन खोया तो समझो कुछ भी नही खोया, जब स्वास्थ्य खोया तो समझो बहुत कुछ खोया और जब चरित्र खोया तो समझो सब कुछ खोया’, अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे रोजमर्रा की ज़िंदगी में जो बदलाव आ रहे हैं, उस कारण से भी कई बीमारियां हमें हो रही हैं। जब बीमारियो का कारण सीधे, जीवन शैली से जुड़ने लगे तो हमें बैठ कर सोचना होगा कि हम कहाँ गलती कर रहे हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है, कि Timely Detection और Right Health Management से Patients, नॉर्मल लाइफ लीड कर सकते हैं। इसलिए हमें अपने जीवन शैली को नियंत्रित करने की आवश्यकता को समझने की आवश्यकता हैं, ऐसी अनेक बीमारियाँ हैं, जिनसे हम एक‘Balanced Life Style’ ensure कर के लड़ सकते हैं। अब वह lifestyle कैसी होनी चाहिए, इस बारे में सबसे ज्यादा जागरूकता तो डॉक्टर्स ही फैला सकते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही थी, तब डॉक्टर्स अपनी जान की परवाह किए बिना, दिन-रात मरीजों की देखभाल कर रहे थे। हमारे Doctors, nurses, एवं मेडिकल क्षेत्र के अन्य लोगों ने सर्वोच्च मानवीय मूल्यों को दर्शाया,माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारत में पिछले एक दशक में, हेल्थ सेक्टर हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक रही है, वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए ₹95,957 करोड़ का बजट आवंटित किया है, जो कि विगत वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट अनुमान की तुलना में लगभग 10% ज्यादा है, पहले यह योजना केवल समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके, अर्थात देश की 40% आबादी के लिए ही उपलब्ध थी। लेकिन पिछले ही वर्ष हमारे प्रधानमंत्री जी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए,70 वर्ष से अधिक आयु के, सभी वरिष्ठ नागरिकों को, इस योजना के अंतर्गत शामिल करने की स्वीकृति दी, यह निर्णय मोदी सरकार की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें हर भारतीय नागरिक को, quality health facilities provide कराना हमारी प्राथमिकता है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री ने कहा कि अब तक 8 करोड़ से ज्यादा लोग, इस योजना के अंतर्गत इलाज का लाभ उठा चुके हैं और सरकार ने इसके लिए अब तक कुल सवा लाख करोड़ खर्च किए हैं,इन लाभार्थियों में से 19 लाख ऐसे गरीब और वंचित लोग हैं, जो आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कवरेज के बिना, यह इलाज कभी नहीं करवा पाते। आयुष्मान भारत योजना के चलते लोगों की जेब से होने वाला खर्च आज 62% से घटकर 38% हो गया है,2014 से पहले देश में जहां केवल387 मेडिकल कॉलेज थे, वहीं2024 तक यह संख्या बढ़कर 780 हो गई है। इसी प्रकार, MBBS सीटों की संख्या में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, 2014 से पहले जहां लगभग 50 हजार सीट थीं, अब यह संख्या बढ़कर लगभग 1 लाख 20 हजार तक हो गई है, उन्होंने कहा यदि मैं विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की बात करूँ, तो उत्तर प्रदेश में भी, हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में, भाजपा की डबल इंजन की सरकार, आपके स्वास्थ्य कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है, उत्तर प्रदेश में तेज एम्बुलेंस सेवा, त्वरित उपचार और health infrastructure के मामले में, योगी जी ने बहुत ही अच्छा काम किया है,आप में से कई लोगों को ये याद होगा, कि 2017 से पहले पूर्वांचल क्षेत्र में खासकर गोरखपुर में जुलाई से सितंबर के बीच में जो मानसून का महीना होता था। उस दौरान जापानी इंसेफेलाइटिस से कई सारे बच्चों की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती थी और ऐसा पिछले 40-50 सालों से चल रहा था।
सभी सरकारों ने इसे नियति का खेल मान लिया था। सरकारें यह मानकर चल रही थीं, कि हर साल मानसून आएगा और 1000-1500 बच्चे दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से काल के गाल में समा जाएंगे, 2017 में आप सबके आशीर्वाद से, उत्तर प्रदेश में भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनी। उसके अगले कुछ सालों में पूरी तस्वीर ही पलट गई। प्रदेश के जनप्रिय मुख्यमंत्री ने यह प्रण ले लिया कि अब वह इस भयानक रोग पर लगाम लगा कर रहेंगे,मुझे बताया गया कि खुद योगी जी हर लेवल पर मॉनिटरिंग कर रहे थे। मुझे आपको बताते हुए खुशी हो रही है, सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में, जैपनीज एन्सेफेलाइटिस से मरने वाले बच्चों की संख्या न के बराबर हो गई है, राजनाथ सिंह ने कहा चुनौतियां तो सबके सामने आती है, लेकिन उन चुनौतियों से कौन कैसे निपटता है, यह उसकी प्रतिबद्धता दिखाती है। अभी आप यह भी देख रहे होंगे, कि कैसे योगी जी के नेतृत्व में हम उत्तर प्रदेश के हर जिले में, एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की ओर आगे बढ़ रहे हैं,भाजपा की डबल इंजन की सरकार आपके लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं आप सबको विश्वास दिलाता हूं कि केंद्र में माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व में और उत्तर प्रदेश में माननीय योगी के नेतृत्व में, भाजपा की सरकार निरंतर आपके लिए हर दृष्टि से प्रयास करती रहेगी,कोई भी राष्ट्र विकसित तभी बनेगा, जब उसके नागरिक स्वस्थ हो। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश की सरकार, आपके विकास के लिए, आपके स्वास्थ्य कल्याण के लिए तो, काम कर ही रही है, लेकिन इसके साथ-साथ आपको खुद भी अपनी सेहत का ध्यान रखने की आवश्यकता है।
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