एलडीए का एक्शन : मोहन होटल सहित चार अवैध व्यावसायिक निर्माण सील
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने चारबाग स्थित मोहन होटल सहित ठाकुरगंज, सरोजनीनगर और पारा में अवैध रूप से बन रहे तीन व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को सील कर दिया है। बिना स्वीकृत नक्शे के निर्माण पर सख्त कार्रवाई की गई। जानिए पूरी रिपोर्ट।

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने मंगलवार को शहर में अवैध निर्माणों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चारबाग स्थित मशहूर मोहन होटल के अवैध हिस्से को सील कर दिया। एलडीए के विहित प्राधिकारी न्यायालय ने पूर्व में ही होटल के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने का आदेश पारित कर दिया था। इसी कड़ी में प्रवर्तन टीम ने ठाकुरगंज, सरोजनीनगर और पारा क्षेत्रों में बिना स्वीकृत मानचित्र के बनाए जा रहे तीन व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स को भी सील कर दिया।
मोहन होटल पर गिरी एलडीए की गाज
एलडीए के संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि एपी सेन रोड स्थित भूखंड संख्या-95/214 पर बने मोहन होटल के खिलाफ वाद दायर किया गया था। जांच में पाया गया कि जिस भवन का नक्शा वर्ष 1935 में स्वीकृत हुआ था, वह तीन मंजिला था। लेकिन मौके पर चार मंजिला भवन तैयार कर लिया गया था। इसके आधार पर विहित प्राधिकारी न्यायालय ने 16 मई, 2025 को अवैध निर्माण को हटाने के आदेश पारित किए।
सोमवार को प्रवर्तन जोन-6 के जोनल अधिकारी विपिन कुमार शिवहरे ने अपनी टीम के साथ स्थल का निरीक्षण किया और रिपोर्ट पेश की। मंगलवार को कार्रवाई करते हुए होटल की ऊपरी मंजिल पर बने चार कमरे, हॉल, स्टोर और बाथरूम को सील कर दिया गया। होटल प्रबंधन को 15 दिन में स्वयं निर्माण हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है, अन्यथा प्राधिकरण द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
सरोजनीनगर और पारा में दो कॉम्प्लेक्स सील
जोन-3 के अधिकारी रवि नंदन सिंह ने बताया कि सरोजनीनगर की अवध विहार कॉलोनी में एकलाख अहमद, इरफान खान व अन्य द्वारा लगभग 300 वर्गमीटर में और पारा के सुंदर खेड़ा में आलोक कुमार व अन्य द्वारा 250 वर्गमीटर में अवैध कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे थे। बिना नक्शा स्वीकृति के हो रहे इन निर्माणों को पुलिस बल की मदद से सील किया गया।
ठाकुरगंज में मजार के पास अवैध निर्माण पर भी कार्रवाई
जोन-7 के जोनल अधिकारी अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि धीरज कुमार व अन्य द्वारा ठाकुरगंज के नेवाजगंज तिराहे पर बेगम अख्तर की मजार के पास 90 वर्गमीटर में निर्माण किया जा रहा था। यह निर्माण भी बिना एलडीए की स्वीकृति के किया जा रहा था। प्रवर्तन टीम ने इसे भी सील कर दिया।
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