एनी बुलियन घोटाले में आईएफएस अधिकारी निहारिका सिंह को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत

₹600 करोड़ के बहुचर्चित एनी बुलियन पोंज़ी स्कीम घोटाले में फंसी भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी निहारिका सिंह को लखनऊ पीठ, इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने मंगलवार को उन्हें अग्रिम जमानत प्रदान की।
निहारिका सिंह के पति अजीत कुमार गुप्ता एनी बुलियन इंडस्ट्रीज़ के मालिक हैं, जिन पर निवेशकों से धोखाधड़ी कर भारी रकम हड़पने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने निहारिका सिंह, अजीत कुमार गुप्ता और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
क्या है पूरा मामला?
ED के अनुसार, एनी बुलियन इंडस्ट्रीज़ ने सैकड़ों निवेशकों को झांसा देकर ₹600 करोड़ से अधिक की ठगी की। निहारिका सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग कर लोगों को निवेश के लिए प्रेरित किया और अवैध धन को कंपनियों के माध्यम से संपत्तियों में बदलवाया। ईडी का यह भी दावा है कि उन्होंने अपने पति के आयोजनों में सक्रिय भागीदारी की और “अनी ग्रुप ऑफ कंपनीज़” की ‘फर्स्ट लेडी’ के रूप में पहचानी गईं।
मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप
ईडी की शिकायत के अनुसार, निहारिका सिंह ने ₹2.03 करोड़ की अवैध कमाई को जानबूझकर अपने पास रखा और उसका उपयोग किया, जिससे वह मनी लॉन्ड्रिंग की अपराध श्रेणी में आती हैं। इसके अलावा, ₹44.44 करोड़ के अवैध लेन-देन में भी उनकी संलिप्तता का आरोप है।
12 मामलों में नाम, लेकिन चार्जशीट से बाहर
हालांकि निहारिका सिंह को 12 मामलों में आरोपी बनाया गया, लेकिन जांच के बाद किसी भी मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल नहीं की गई। इसी आधार पर हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत दी। अदालत ने कहा कि चूंकि वे एक महिला हैं, जांच में सहयोग कर रही हैं और अभी तक गिरफ्तार नहीं हुई हैं, उन्हें अग्रिम जमानत दी जा सकती है।
अदालत के निर्देश
अदालत ने निहारिका सिंह को पुलिस पूछताछ के लिए आवश्यकतानुसार उपलब्ध रहने और विदेश यात्रा के लिए न्यायालय की अनुमति लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही, अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है, तो दो जमानतदारों के आधार पर उन्हें रिहा किया जाएगा।
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