अवैध प्लाटिंग पर उपाध्यक्ष की सख्ती: अभियंताओं को फटकार, कार्रवाई की धीमी रफ्तार पर मांगी रिपोर्ट

लखनऊ के शहरी विकास में जब लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) की भूमिका की बात होती है, तो जिम्मेदारी और पारदर्शिता की अपेक्षा स्वाभाविक रूप से जुड़ जाती है। मगर जब इन अपेक्षाओं पर प्रशासकीय शिथिलता भारी पड़ने लगे, तो नेतृत्व की सख्ती आवश्यक हो जाती है। ऐसा ही हुआ जब एलडीए के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने प्रवर्तन जोन-4 का निरीक्षण किया और सीतापुर रोड व आईआईएम रोड के मध्य चिन्हित नयी आवासीय योजना क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग की शिकायतों को सत्य पाया।
यह मात्र निरीक्षण नहीं था, बल्कि एक प्रशासनिक चेतावनी भी थी। अवैध प्लाटिंग पर अब तक की ढीली कार्रवाई के चलते अभियंताओं अनूप श्रीवास्तव और विवेक पटेल को फटकार मिली तथा जोनल अफसर वंदना पांडेय से जवाब-तलब किया गया।
ड्रोन सर्वे के माध्यम से हुई अवैध प्लाटिंग की पहचान के बाद भी यदि निर्माण कार्य जारी रहता है, तो यह केवल तकनीकी चूक नहीं, बल्कि गंभीर प्रशासनिक उदासीनता का संकेत है। यह उदासीनता अब स्वीकार नहीं की जाएगी, यह उपाध्यक्ष के निर्देशों से स्पष्ट है।
वहीं, जानकीपुरम क्षेत्र में तालाब और खेल मैदान के सौंदर्यीकरण एवं विकास की योजना, अवस्थापना निधि से सुनिश्चित हो रही है।
उपाध्यक्ष की सक्रियता केवल निरीक्षण तक सीमित नहीं रही। सीतापुर रोड पर व्यावसायिक चबूतरों, कल्याण मंडप और सोपान इन्क्लेव जैसे विविध विकास कार्यों की निगरानी से यह संकेत मिलता है कि अब एलडीए की नीतियों में धरातलीय क्रियान्वयन पर अधिक बल दिया जा रहा है।
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