निपुण प्रशासन, सशक्त शिक्षा: योगी सरकार रच रही नया इतिहास
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार शिक्षा प्रशासन में तकनीकी दक्षता, नेतृत्व विकास और वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा दे रही है। लखनऊ में बीएसए के लिए आवासीय प्रशिक्षण शुरू।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को केवल कक्षा तक सीमित रखने की बजाय इसे व्यापक, समावेशी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के मिशन पर अग्रसर है। पारंपरिक शिक्षण व्यवस्था को आधुनिक प्रशासनिक दक्षता से जोड़ते हुए, सरकार ने दक्षता के नए युग की शुरुआत कर दी है। लखनऊ स्थित वित्तीय प्रबंधन प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) के लिए शुरू हुआ आवासीय प्रशिक्षण इसी बदलाव की एक मजबूत कड़ी है।
9 जून से प्रारंभ हुआ यह पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को मजबूती देगा, बल्कि प्रशासनिक नेतृत्व को भी नई दिशा देगा। पहले बैच में 35 जिलों के बीएसए को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जबकि शेष 40 जिलों के अधिकारियों का प्रशिक्षण 23 से 27 जून के बीच होगा।
इस प्रशिक्षण का मूल उद्देश्य है – शिक्षा प्रशासन को नेतृत्व क्षमता, तकनीकी दक्षता, वित्तीय अनुशासन, और नीति-निर्धारण में पारदर्शिता से लैस करना। प्रशिक्षण में शामिल विषयों में निपुण भारत मिशन, ऑपरेशन कायाकल्प, ECCE कार्यक्रम, UDISE+ डेटा प्रबंधन, जेम पोर्टल का उपयोग, और समावेशी शिक्षा प्रमुख हैं।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने इसे ‘शिक्षा प्रशासन के लिए नेतृत्व की पाठशाला’ करार देते हुए कहा, “यह पहल सिर्फ नीति निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन को दक्ष नेतृत्व से जोड़ रही है।” उनका यह वक्तव्य इस बात का संकेत है कि सरकार शिक्षा में सुशासन और जवाबदेही को नई प्राथमिकता दे रही है।
प्रथम बैच में अमेठी, झांसी, मेरठ, देवरिया, गौतमबुद्ध नगर जैसे 35 जिलों के बीएसए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। दूसरे बैच में लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों समेत 40 जिलों के अधिकारी शामिल होंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि “यह प्रशिक्षण बीएसए को शासन की प्राथमिकताओं को समझने और उन्हें प्रभावी ढंग से लागू करने में सक्षम बनाएगा।” इससे शिक्षा में परिणामों की निगरानी, शिक्षकों का मार्गदर्शन, और संसाधनों का प्रभावी उपयोग संभव होगा।