राम दरबार की भव्य प्राण प्रतिष्ठा: अयोध्या में स्वर्णिम अध्याय, वैदिक परंपरा और श्रद्धा का भव्य संगम
राम दरबार में विराजे श्रीराम: अयोध्या में सम्पन्न हुई प्राण प्रतिष्ठा, हीरे-जवाहरात से सजे आभूषण
अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में आज एक ऐतिहासिक क्षण साक्षात हुआ। अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 498 दिन बाद अब पूरे दरबार का पूजन किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गर्भगृह के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार का विधिवत पूजन किया। यह कार्यक्रम 11:25 से 11:40 बजे तक चला। दरबार में भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और भक्त हनुमान की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
हीरे-जवाहरात से सजे राम दरबार के आभूषण
सूरत के प्रसिद्ध कारोबारी मुकेश पटेल ने राम दरबार के लिए बहुमूल्य आभूषण दान किए हैं।
विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश नेवादिया के अनुसार:
• 1000 कैरेट का हीरा
• 30 किलो चांदी
• 300 ग्राम सोना
• 300 कैरेट रूबी
इन बेशकीमती रत्नों से 11 मुकुट, गले के हार, कानों के कुंडल, माथे का तिलक, और चारों भाइयों के लिए धनुष-बाण बनाए गए हैं। ये सभी आभूषण चार्टर्ड प्लेन से अयोध्या लाए गए और राम मंदिर ट्रस्ट को दान किए गए।
350 विशेष अतिथि रहे शामिल
पिछली बार जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, तब देश के नामी कारोबारियों और फिल्मी हस्तियों को आमंत्रित किया गया था। लेकिन इस बार राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा में लगभग 350 खास मेहमान, जिसमें साधु-संत और ट्रस्ट पदाधिकारी शामिल हैं, को बुलाया गया।
जयपुर में बनीं संगमरमर की मूर्तियाँ
राम दरबार की सभी मूर्तियाँ जयपुर के कलाकारों द्वारा मकराना के सफेद संगमरमर से बनाई गई हैं। श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान हैं, वहीं भरत और हनुमानजी श्रीराम के चरणों में बैठे हैं। इस दृश्य में भक्तिरस और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
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