यूपी का जीडीडीपी मॉडल बना देश के लिए आदर्श

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकसित जिला घरेलू उत्पाद (GDDP) मॉडल देशभर में नीति नवाचार और सुशासन का प्रतीक बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में तैयार इस मॉडल ने न केवल प्रदेश के 75 जनपदों की अर्थव्यवस्था को आंकड़ों के माध्यम से परिभाषित किया, बल्कि यह अब राष्ट्रीय स्तर पर भी एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में स्थापित हो रहा है।
हाल ही में राजस्थान सरकार के वरिष्ठ आर्थिक और सांख्यिकीय अधिकारियों की एक टीम ने उत्तर प्रदेश के इस मॉडल का अध्ययन करने के लिए 22 से 24 मई तक लखनऊ का दौरा किया। इस अध्ययन दल में राजस्थान के योजना विभाग, आर्थिक सलाहकार एवं सांख्यिकी अधिकारियों को शामिल किया गया था।
उत्तर प्रदेश के “बॉटम अप एप्रोच ” आधारित मॉडल में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध आंकड़ों का गहन विश्लेषण किया गया है। इस मॉडल की एक खास बात यह है कि इसमें पीएलएफएस (Periodic Labour Force Survey) और एएसयूएसई (All India Survey of Unincorporated Sector Enterprises) जैसे राष्ट्रीय सर्वेक्षणों को भी जनपद स्तर पर अपनाया गया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार जनपदों में इन सर्वेक्षणों को सफलतापूर्वक लागू किया गया।
राजस्थान के अधिकारियों ने यूपी सरकार की इस पहल को “प्रभावशाली, व्यावहारिक और अन्य राज्यों के लिए दोहराए जाने योग्य” करार दिया। दौरे के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (योजना) श्री आलोक कुमार, महानिदेशक (आर्थिक एवं सांख्यिकी) श्रीमती सेकवा कुमारी जे, और राजस्थान के निदेशक श्री जवनेश जसवी के बीच विस्तृत विमर्श हुआ।
अधिकारियों ने यह भी सराहा कि यूपी का यह GDDP मॉडल न केवल नीति निर्माण को वैज्ञानिक आधार देता है, बल्कि यह जनपद स्तर पर अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है।
राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती पहचान
यूपी का यह नवाचार अब दूसरे राज्यों के लिए एक प्रेरणा बन चुका है। कई राज्य इस मॉडल को अपनाने और अपनी स्थानीय अर्थव्यवस्था को समझने के लिए इसी तरह के दृष्टिकोण को आत्मसात करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
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