CBRN खतरों से निपटने के लिए यूपी बनाएगा हाई-टेक सुरक्षा कवच

Jun 8, 2025 - 22:56
Jun 8, 2025 - 22:57
CBRN खतरों से निपटने के लिए यूपी बनाएगा हाई-टेक सुरक्षा कवच

उत्तर प्रदेश अब देश का पहला ऐसा राज्य बनने की तैयारी में है जो संसद की तर्ज पर रासायनिक, जैविक, विकिरण और परमाणु (CBRN) खतरों से निपटने के लिए हाई-टेक मल्टी-लेयर सुरक्षा प्रणाली तैयार करेगा। यह पहल राज्य विधानसभा, प्रमुख प्रतिष्ठानों और वीआईपी सुरक्षा को लेकर उठाए गए नए कदमों का हिस्सा है।

वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह योजना Defence Research and Development Organisation (DRDO), Electronics Corporation of India Ltd (ECIL) और BARC जैसे प्रमुख संगठनों के साथ मिलकर तैयार की जा रही है।

CBRN सुरक्षा क्यों ज़रूरी?

CBRN खतरे कम संभावना लेकिन अत्यधिक विनाशक प्रभाव वाले होते हैं। इनसे न केवल जानमाल का नुकसान होता है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव और मानसिक तनाव भी उत्पन्न होता है। ये खतरे हवा, पानी, खाद्य या मिट्टी के ज़रिए फैल सकते हैं, जिससे समय पर पहचान और प्रतिक्रिया देना चुनौतीपूर्ण होता है।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर

इस योजना को बल देने के लिए राज्य अधिकारियों ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित ‘AeroDef India Manufacturing Expo’ में भाग लिया और अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग से भी विचार-विमर्श किया। अमेरिकी सीनेटर जेडी वांस की आगरा यात्रा के दौरान सुरक्षा प्रौद्योगिकी पर बातचीत भी इस दिशा में अहम रही।

योजना के तहत फ्रांसीसी तकनीक पर आधारित अत्याधुनिक रोबोटिक सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं, जो दिन-रात निगरानी करने में सक्षम होंगे। यह रोबोट विधानसभा, हवाई अड्डों, और बड़े सार्वजनिक आयोजनों जैसे उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में तैनात किए जा सकेंगे।

तकनीकी विशेषताएं और लागत

एक एकल CBRN सुरक्षा प्रणाली की अनुमानित लागत ₹10 करोड़ तक हो सकती है। वहीं, प्रत्येक रोबोट की कीमत लगभग ₹80 लाख होगी। ये रोबोट 90 मीटर तक के क्षेत्र को स्कैन कर सकते हैं, वाहनों के नीचे जांच कर सकते हैं, और सीढ़ियों, संकरे गलियारों तथा उबड़-खाबड़ रास्तों पर आसानी से चल सकते हैं।

राजनीतिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा सख्त

इस वर्ष की शुरुआत में विधायकों और आगंतुकों के पारंपरिक वाहन स्टिकर को RFID टैग्स से बदल दिया गया, क्योंकि विधानसभा पास से छेड़छाड़ के मामले सामने आए थे। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने 5 मार्च को इस पर चिंता जताई थी और मामले की जांच के आदेश दिए गए थे।

यूपी होगी देश की पहली CBRN रेडी स्टेट

यदि यह योजना पूरी तरह से लागू होती है, तो उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन जाएगा जो संसद जैसी सुरक्षा प्रणाली अपनाकर CBRN और विस्फोटक खतरों से निपटेगा।