आधी आबादी को ‘काम की नई उड़ान’

उत्तर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का परचम ऊँचा होता जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रगतिशील नीतियों के दम पर उत्तर प्रदेश में अब महिलाएं निर्माण से लेकर फैक्ट्रियों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों तक हर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रही हैं।
34.65% महिलाएं अब निर्माण स्थल पर हैं सक्रिय निर्माण क्षेत्र परंपरागत रूप से पुरुषप्रधान माना जाता रहा, लेकिन अब इसका परिदृश्य बदल चुका है। पिछले वर्ष की तुलना में महिला श्रमिकों की संख्या 34.65 प्रतिशत पहुंच चुकी है, जिसने न केवल परियोजनाओं की गति तेज की है, बल्कि अनेक परिवारों की आर्थिक हालत भी सुधारी है।
ई-श्रम पोर्टल पर 53% पंजीकरण महिलाएं खेती-बाड़ी, घरेलू कामकाज और छोटे-मोटे उद्योगों में काम कर रही महिलाएं अब डिजिटल रजिस्ट्रेशन के जरिए सामाजिक सुरक्षा और लाभों से जुड़ रही हैं। ई-श्रम पोर्टल पर दर्ज हुए कुल पंजीकृत श्रमिकों में 53 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, जिससे उनकी सामाजिक-आर्थिक भागीदारी को भारी बल मिला है।
1,83,276 महिलाएं हैं औद्योगिक इकाइयों में कामगार उद्योगों ने अब महिलाओं को उत्पादन लाइन, क्वालिटी कंट्रोल और मैनेजमेंट तक में शामिल करना शुरू किया है। इससे उत्पादन क्षमता बढ़ी है और कार्यस्थल पर लिंग भेदभाव में कमी आई है।
योगी सरकार की रोजगार संवर्द्धन नीतियाँ
1. रात्रिपाली में महिला कर्मचारियों की सुविधा
कारखाना अधिनियम संशोधन के तहत महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत, जिससे फैक्ट्रियां 24x7 ऑपरेशन कर सकें।
2. प्रतिबंधित प्रक्रियाओं में सशर्त कार्य
खतरनाक नहीं, लेकिन पारंपरिक रूप से बंद अनेक सेक्टरों में महिलाओं को प्रशिक्षित कर सशर्त कार्य की अनुमति।
3. दुकान एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान में 24x7 कार्य
महिलाओं को भी चौबीसों घंटे वाणिज्यिक गतिविधियों का हिस्सा बनने का अवसर।
उत्तर प्रदेश अब महिलाओं के लिए केवल सपनों का राज्य नहीं, बल्कि अवसरों का मैदान बन चुका है। निर्माण से लेकर वाणिज्य तक, आधी आबादी अपने कौशल और आत्मविश्वास के सहारे नए मुकाम छू रही है। योगी सरकार की नीतियां प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक तस्वीर को बदलने में अहम भूमिका निभा रही हैं, और आने वाले समय में यह रफ्तार और भी तेज होने की उम्मीद है।
What's Your Reaction?






