लखनऊ यूनिवर्सिटी में फिर विवाद: प्रोफेसर की पोस्ट पर गरमाई सियासत

लखनऊ यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों की चपेट में आ गई है। हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर रविकांत चंदन ने सोशल मीडिया पर एक विवादित टिप्पणी कर दी, जिससे विश्वविद्यालय का माहौल गरमा गया है। प्रोफेसर ने अपने पोस्ट में मुस्कान और सोनम रघुवंशी को “संघी विचार की उपज” बताया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा को निशाना बनाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए।
प्रोफेसर ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा:
"'मुस्कान और सोनम रघुवंशी जैसी महिलाएं संघी विचार की उपज हैं। ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. अंबेडकर ने महिलाओं के हाथ में कलम और किताब दी। नेहरू ने वो अवसर उपलब्ध कराए। महिलाओं ने शिक्षा हासिल करके सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीने का सलीका सीखा। पिछले दशकों में महिलाओं ने बड़े-बड़े मुकाम हासिल किए। लेकिन आरएसएस ने अपने हिंदुत्व की प्रयोगशाला के लिए बेटियों के हाथों में त्रिशूल और तलवार पकड़ा दी। उनके मन में विधर्मियों के खिलाफ हिंसा और नफरत पैदा की। इसका प्रभाव गुजरात और दिल्ली के दंगों में दिखाई दिया। जाहिर तौर पर इस हिंसा और नफरत का इस्तेमाल भीतर भी होना ही था। आज महिलाएं अगर अपने पतियों की हत्या करवा रही हैं तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ RSS की हिंसा और नफरत की मानसिकता जिम्मेदार है।'"
यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसके बाद विश्वविद्यालय में विवाद खड़ा हो गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े छात्रों में इस पोस्ट को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। लखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र कार्तिक पांडेय ने हसनगंज थाने में रविकांत चंदन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है।
यह पहला मौका नहीं है जब प्रोफेसर रविकांत विवादों में आए हैं। 2022 में काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी विवाद को लेकर भी उन्होंने टिप्पणी की थी, जिसके बाद छात्रों ने उनके साथ मारपीट की थी। इस घटना के बाद एक छात्र को यूनिवर्सिटी से निष्कासित भी किया गया था।