कौशांबी केस में सच्चाई की तह तक जाएगी ओबीसी आयोग की टीम

Jun 11, 2025 - 02:42
Jun 11, 2025 - 02:50
कौशांबी केस में सच्चाई की तह तक जाएगी ओबीसी आयोग की टीम

उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी ज़िले में लोहंडा धना सैनी गांव से जुड़ा एक फर्जी दुष्कर्म मामला अब गंभीर सामाजिक और कानूनी बहस का विषय बन गया है। 8 वर्षीय एक बच्ची के साथ कथित दुष्कर्म की खबर ने पहले तो सनसनी फैलाई, लेकिन पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि मामला पूरी तरह से झूठा था। बच्ची के पिता ने निजी रंजिश के चलते यह फर्जी एफआईआर दर्ज कराई थी।

इस गंभीर प्रकरण को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने मंगलवार को हुई एक बैठक में इस घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम को कौशाम्बी भेजने का निर्णय लिया है। बैठक की अध्यक्षता आयोग के चेयरमैन राजेश वर्मा ने की और सदस्यों से सुझाव प्राप्त करने के बाद यह फैसला लिया गया।

जांच टीम का नेतृत्व आयोग के उपाध्यक्ष सूर्य प्रकाश पाल करेंगे, और उनके साथ विनोद कुमार, बाबा बालक दास, ऋचा राजपूत, एवं अशोक कुमार जैसे सदस्य शामिल होंगे। यह टीम 13 जून को कौशाम्बी के लिए रवाना होगी।

क्या है पूरा मामला?

यह घटना 8 मई की है, जब एक स्थानीय युवक ने एक ईंट लगने की घटना के बाद बच्ची को थप्पड़ मारा। इस घटना से नाराज़ बच्ची के पिता ने युवक पर दुष्कर्म और POCSO एक्ट के तहत झूठा मामला दर्ज करा दिया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए उसी दिन चार्जशीट दाखिल कर दी।

लेकिन विशेष जांच दल (SIT) की गहराई से की गई जांच में बच्ची और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान आपस में मेल नहीं खा रहे थे। बच्ची के साथ मौजूद लड़के ने बताया कि आरोपी युवक ने केवल थप्पड़ मारा था, बलात्कार जैसी कोई घटना नहीं हुई।

जांच के आधार पर पुलिस ने POCSO एक्ट और बलात्कार की धाराओं को केस से हटा दिया। दुखद रूप से, झूठे आरोपों के चलते मानसिक तनाव में आकर आरोपी के पिता ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से पूरे गांव में आक्रोश फैल गया और लोगों ने हाईवे जाम कर न्याय की मांग की।