समावेशी शिक्षा की नई मिसाल: ‘सुगम्य वर्कशीट्स’ से दिव्यांग नहीं, अब कहलाएंगे ‘विशेष बच्चे’

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में समावेशन और नवाचार की एक नई इबारत लिख रही है। अब दिव्यांग नहीं, ‘विशेष आवश्यकता वाले बच्चे’ कहलाने वाले करीब 2.96 लाख विद्यार्थियों के लिए यूनिसेफ के सहयोग से तैयार ‘सुगम्य वर्कशीट्स’ वितरित की जा रही हैं। ये वर्कशीट्स न सिर्फ बच्चों की शैक्षिक दक्षता को निखारेंगी, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और सामाजिक स्वाभिमान भी भरेंगी।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के अनुसार, शिक्षा का अधिकार सबका है। दिव्यांग बच्चों को बराबरी का अधिकार देना ही हमारा संकल्प है। इन वर्कशीट्स की मदद से दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक संवेदनशील, प्रभावी और रणनीतिक पहल की गई है।
सुगम्य वर्कशीट्स’ की खासियत
- हिन्दी और गणित विषयों पर आधारित
- कक्षा 1 से 8 तक के लिए कुल 1900 वर्कशीट्स (1-5 के लिए 1300, 6-8 के लिए 600)
- रंगीन, आकर्षक, सरल भाषा में डिज़ाइन
- दृष्टि बाधित बच्चों को छोड़कर सभी दिव्यांग श्रेणियों के लिए उपयोगी
- व्यक्तिगत, जोड़ी और समूह गतिविधियों के ज़रिए सहज और आनंददायक शिक्षण
इन वर्कशीट्स की छपाई पूरी हो चुकी है और सभी जिलों में आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है। अब ब्लॉक व स्कूल स्तर पर चरणबद्ध वितरण जारी है। हर सेट के अभ्यास और मूल्यांकन के बाद ही अगला सेट वितरित किया जाएगा।
शिक्षकों को इन वर्कशीट्स के उपयोग हेतु विस्तृत निर्देश और प्रशिक्षण प्रदान किए गए हैं।
- बच्चों के साथ संवाद के ज़रिए संदर्भ स्पष्ट किया जाएगा।
- मूल्यांकन के बाद वर्कशीट्स घर ले जाने की अनुमति दी जाएगी ताकि पुनः अभ्यास हो सके।
- स्पेशल एजुकेटर्स स्कूलों का दौरा कर बच्चों की समस्याएं समझेंगे और समाधान देंगे।
- उनकी मासिक रिपोर्ट की समीक्षा जिला समन्वयक करेंगे और आवश्यक फीडबैक देंगे।