योगोत्सव 2025 पर एसजीपीजीआई में ‘संपूर्ण स्वास्थ्य की ओर’ एक जागरूक पहल

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) के अवसर पर संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई), लखनऊ में विगत एक सप्ताह से योग और प्रकृति से जुड़े विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी है। इन आयोजनों का उद्देश्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की ओर भी जागरूकता बढ़ाना है। संस्थान ने योग को जन-जन तक पहुँचाने का संकल्प लिया है।
10 जून की सुबह, एसजीपीजीआई के कॉलेज ऑफ नर्सिंग द्वारा संस्थान के क्रिकेट स्टेडियम में सूर्य नमस्कार का विशेष सत्र आयोजित किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्य डॉ. राधा के. ने किया। इस आयोजन को संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर आर.के. धीमन के मार्गदर्शन में डीन प्रो. शालीन कुमार और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. आर. हर्षवर्धन का सहयोग प्राप्त हुआ। करीब 180 प्रतिभागियों— जिनमें नर्सिंग स्टाफ, सुरक्षा कर्मी, हाउसकीपिंग स्टाफ, एमएससी व बीएससी नर्सिंग छात्र और सीएमटी छात्र शामिल थे
7 जून को, संस्थान के नवीन कैम्पस स्थित झील के आसपास चंदन के पौधे लगाए गए। वरिष्ठ चिकित्सकों और प्रशासकों की उपस्थिति में यह वृक्षारोपण कार्यक्रम एक हरित भविष्य की ओर सार्थक कदम सिद्ध हुआ। इससे पहले 4 जून को ‘योग उद्यान: प्रकृति और शांति का निवास’ का उद्घाटन अमृत वाटिका में निदेशक प्रो. धीमन ने किया, जहां विभिन्न फलों के पौधों का रोपण हुआ।
6 जून को, एच.जी. खुराना ऑडिटोरियम में “विरासत से विकास: योग की भूमिका” विषय पर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत श्री मनु थम्बी द्वारा पंजीकरण और प्रीटेस्ट से हुई। आयोजन सचिव श्रीमती रितजा सिंह के स्वागत भाषण के बाद, श्री ढीखिल सी.डी. ने योग के ऐतिहासिक और वैज्ञानिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। इसके बाद, श्रीमती रागिनी श्रीवास्तव ने योग मुद्राओं और आसनों का प्रदर्शन कर उपस्थित जनसमूह को योगाभ्यास के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रोजिता सुमन ने किया।
योग दिवस की दिशा में यह अभियान यहीं नहीं रुकने वाला। आने वाले दिनों में एसजीपीजीआई योग मैराथन और विशेष प्रदर्शनी जैसे आयोजनों के ज़रिए लोगों को योग के लाभों से रूबरू कराएगा।