योगी राज में राममंदिर निर्माण को मिली रफ्तार, दिसंबर तक खुलेगा पूरा मंदिर परिसर

श्रीराम जन्मभूमि परकोटा ले रहा भव्य आकार: दिसंबर तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा संपूर्ण मंदिर परिसर

Jun 16, 2025 - 20:14
Jun 16, 2025 - 20:16
योगी राज में राममंदिर निर्माण को मिली रफ्तार, दिसंबर तक खुलेगा पूरा मंदिर परिसर

योगी सरकार के नेतृत्व में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य नई गति और गौरव के साथ आगे बढ़ रहा है। रामलला के मंदिर का भव्य परकोटा अब सुंदर आकार लेने लगा है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति के साथ-साथ स्थापत्य कला की अनूठी छटा भी प्रदान करेगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने रामदरबार और अन्य देवी-देवताओं की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब मंदिर के परकोटे की निर्माण प्रक्रिया में पूरी ताकत झोंक दी है। आयताकार आकार में बन रहे इस परकोटे की लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट होगी। यह पिंक सैंड स्टोन से निर्मित होगा, जिस पर भगवान श्रीराम की जीवन लीलाओं को दर्शाती उत्कृष्ट नक्काशियां उकेरी जा रही हैं।

दिसंबर 2025 तक भक्तों के लिए खुलेगा पूरा परिसर

ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय और निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र की अगुवाई में निर्माण एजेंसियां दिन-रात काम कर रही हैं। योजना के अनुसार, नवंबर/दिसंबर 2025 तक श्रीराम मंदिर परिसर पूरी तरह भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। परकोटे के निर्माण में पूरी पारंपरिक भव्यता और आध्यात्मिकता का समावेश हो रहा है।

योगी सरकार की सख्त निगरानी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस ऐतिहासिक कार्य की निगरानी कर रहे हैं। अयोध्या दौरे के दौरान वह ट्रस्ट के सदस्यों और अधिकारियों के साथ नियमित बैठकें कर निर्माण की प्रगति की समीक्षा करते हैं। उनके मार्गदर्शन और संकल्प से मंदिर निर्माण न केवल समयबद्ध रूप से आगे बढ़ रहा है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित हो रही है।

अयोध्या बन रही वैश्विक आध्यात्मिक-पर्यटन नगरी

अयोध्या अब केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के वैश्विक केंद्र के रूप में भी विकसित हो रही है। योगी सरकार की पहल पर शहर में आधुनिक आधारभूत संरचनाएं जैसे कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, आधुनिक रेलवे स्टेशन, चौड़ी सड़कें, स्मार्ट लाइटिंग, और हेरिटेज वॉक वे विकसित किए जा रहे हैं।

संस्कृति और विरासत का प्रतीक बनेगा श्रीराम मंदिर

योगी सरकार की प्राथमिकता है कि श्रीराम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल, बल्कि भारत की संस्कृति, परंपरा और श्रद्धा का शाश्वत प्रतीक बने। परकोटे की भव्यता और मंदिर की दिव्यता आने वाली पीढ़ियों को श्रीराम के मर्यादा, आदर्श और धैर्य का प्रेरक संदेश देती रहेगी।